अल्लाह तआला अल मजीद,अल कबीर, अल अज़ीम और अल जलील है..

 अल्लाह तआला अल मजीद,अल कबीर, अल अज़ीम और अल जलील है..

अल्लाह तआला अल मजीद,अल कबीर, अल अज़ीम और अल जलील है..

बेशक अल्लाह तआला अल मजीद,अल कबीर,अल अज़ीम और अल जलील है..

बेशक अल्लाह तआला की ज़ात में महिमा, बड़ाई,महानता और प्रतापवान(जलाल) की विशेषतायें पाई जाती हैं,वह हर चीज़ से बड़ा और हर चीज़ से अधिक महान, शक्तिशाली और बुलंद है,उसी के लिये उस के नेक और चुने बंदों के दिलों में सम्मान और इज़्ज़त है,निःसंदेह उन के दिल अल्लाह तआला की ताज़ीम,सम्मान,इज़्ज़त और आजज़ी एवं नम्रता से भरे हैं,ऐ महान रब!! तेरी ज़ात पाकीज़ा है और तू अधिक अज़ीम है।

ऐ महान!! तेरी ज़ात पाकीज़ा है और तू बहुत बड़ा है!! {तो तू अपने महान रब के नाम की पविन्नता बयान कर“।}[अल वाक़ेआः 96].

हम तेरी प्र्रशंसा और महानता को गिन ही नहीं सकते,ऐ बडे़, बुलंद शान और ऐ प्रतापवान(जलाल) और इज़्जत वाले।

अल्लाह तआला अपनी महान ज़ात और अपने नामों और विशेषताओं में विराट है.. {उस जैसी कोई चीज़ नहीं“।}[अश्शूराः 11].

अल्लाह तआला प्रतापवान(जलाल) और महानता वाला है,जो कोई उस में से किसी भी चीज़ के अन्दर अल्लाह तआला से झगड़ा करे तो अल्लाह तआला उस को तोड़ देगा,जैसा की हदीसे कुदसी में हैः «बड़ाई मेरी चादर है,और महानता मेरी लुंगी,अगर इन दोनों में से किसी एक में भी कोई मुझ से झगड़ा करे,तो मैं उसे नर्क में डाल दूँगा» (अह्मद).

बेशक अल्लाह तआला अल मजीद,अल कबीर,अल अज़ीम और अल जलील है..



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