अल्लाह तआला अल कुद्दूस है..

 अल्लाह तआला अल कुद्दूस है..

अल्लाह तआला अल कुद्दूस है..

बेशक अल्लाह तआला अल कुद्दूस है..

वह अपनी बुलंदी और और बड़ाई में मुक़द्दस है,उस की प्रशंसा अधिकतर है और उस की नेमतें महान हैं.. {वही अल्लाह है जिस के सिवाय कोई पूज्य नहीं,मालिक,बहुत पाक और सभी बुराइयों से आज़ाद है“।} [अल हश्रः 23].वह पाक,क़ुद्दूस ज़ात फरिश्तांे और जिब्रीले अमीन का स्वामी है... वह पाक ज़ात अलमलिक और अल कु़द्दूस है।

”अल कु़द्दूस अस्सलाम“ .. वह महान ज़ात हर प्रकार के अैब और कमी और मखलूक़ में से किसी की मुशाबहत से पाक है,वह हर अैब से पाक है और इस बात से भी पाक है कि उस की मखलूक़ में से कोई उस के क़रीब हो या कोई उस के कमालात में से किसी चीज़ की तरह हो।

”बेशक अल्लाह तआला अल कुद्दूस है..ृ

अल्लाह तआला हर अैब और हर कमी से पाक है अथवा हर उस विशेषता से पाक है जो उस के शायाने शान नहीं है।

”बेशक अल्लाह तआला अल कुद्दूस है“

वह पूर्णता,सुंदरता और महिमा जैसी विशेषताओं से मुŸासिफ है,हर कमी और हर एक अैब से पाक है,उस जैसी न तो कोई चीज़ है और न ही कोई उस के समकक्ष है,उस की पूर्णता के ऊपर कोई पूर्णता नहीं और न ही कोई उस के नामों और उस की विशेषताओं की बुलंदी को पहुंच सकता है।

”बेशक अल्लाह तआला अल कुद्दूस है“

वह ज़ात जिस की पविन्नता दिल बयान करते हैं और संपूर्ण आशायें उसी से जुड़ी हुयी हैं, और जु़बान उस की पविन्नता के गीत गाते हैं,अथवा हर समय उस की तस्बीह बयान करते हैं।

” बेशक अल्लाह तआला अल कुद्दूस है“

वह बरकत,दानी,करम और प्रशंसा वाला है,उसी की ओर से बरकतें शुरू और खतम होती हैं,वह बरकत वाला है जो अपने बंदों को बरकत प्रदान करता है,और अपनी इच्छा अनुसार अपनी दी हुयी चीज़ों में बरकत डाल देता है।

”बेशक अल्लाह तआला अल कुद्दूस है“



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