अल्लाह तआला अल हक्क़ है..

 अल्लाह तआला अल हक्क़ है..

अल्लाह तआला अल हक्क़ है..

बेशक अल्लाह तआला अल हक्क़ है..

{यह इस लिये कि अल्लाह ही हक़ है“।}
[अल हज्जः 6].

”अल्लाह तआला अल हक्क़ है“..

वह अपनी ज़ात और विशेषताओं में सत्य है,वह पूर्ण सिफात और विशेषताओं वाला है,उस का वजूद ज़ाती है और उसी के वजूद से हर चीज़ का वजूद है,वही है जो अपनी महिमा,सुंदरता,और पूर्णता के साथ हमेशा से है और हमेशा रहेगा,इसी प्रकार उस का उपकार हमेशा से जाना पहचाना है और हमेशा जाना पहचाना रहेगा।

”अल्लाह तआला अल हक्क़ है“..

उस की बात,उस का काम,उस से मुलाक़ात,उस के रसूल,उस की किताबें,उस का दीन,और उस की अकेले उपासना सब सत्य और हक़ हैं,और उस की ओर मंसूब होने वाली हर चीज़ हक़ है। {यह सब इस लिये कि अल्लाह ही सच है,और उस के सिवाय जिसे भी यह पुकारते हैं वे झूटे हैं, और बेशक अल्लाह बुलंद और बड़ाई वाला है“।}[अल हज्जः 62].

बेशक अल्लाह तआला अल हक्क़ है..



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