अल्लाह तआला अल अज़ीज़ है..

 अल्लाह तआला अल अज़ीज़ है..

अल्लाह तआला अल अज़ीज़ है..

बेशक अल्लाह तआला अल अज़ीज़ है.. {और अल्लाह ग़ालिब हिक्मत वाला है“।}

[अल अन्फालः67].

अल्लाह तआला ताकतवर मज़बूत और ग़ालिब है।

उसे किसी शक्तिमान की शक्ति हानि नहीं पहुँचा सकती,और न किसी ताक़त वाले की ताक़त उसे आजिज़ कर सकती है... वह बरकत वाला,बुलंद और खबर रखने वाला है।

”अल अज़ीज़“

संपूर्ण इज़्ज़त उसी के लिये है,उस के अतिरिक्त हर चीज़ आजि़ज़ और ज़लील हैं,और उस के सामने हर शक्तिशाली कमज़ोर है,तो अल्लाह के अतिरिक्त हर चीज़ नीच(हक़ीर) है और हर मखलूक उस के समीप ज़लील है।

”अल अज़ीज़“

जिसे चाहता है इज़्जत देता है और जिस से चाहता है इज़्ज़त खींच लेता है,और जिसे चाहता है हीन कर देता है,उसी के हाथ में संपूर्ण भलाई है,अल्लाह तआला ने फरमायाः {बेशक पूर्ण ग़ल्बा अल्लाह ही के लिये है“।}[यूनुसः 65].

हसब नसब और माल से मिलने वाली इज़्ज़त कोई इज़्जत नहीं,बल्कि इज़्ज़त तो वह है जो उस के करम से मिली हुयी हो।

”अल अज़ीज़“

जिसे भी इज़्ज़त मिलती है उसी की इज़्ज़त से मिलती है,और शक्ति भी उसी के करम से मिलती है,जो व्यक्ति पनाह चाहता हो वह अल्लाह तआला की पनाह माँगे,और जो इज़्ज़त का इच्छुक है वह अपने दिल से अल्लाह की ओर मुतवज्जेह हो जाये। {सम्मान तो केवल अल्लाह के लिये और उस के रसूल के लिये और ईमान वालों के लिये है“।}
[अल मुनाफिकू़नः 8].

बेशक अल्लाह तआला अल अज़ीज़ है

”अल अज़ीज़“.. जिस के लिये हर प्रकार की इज़्ज़त है,शक्ति की इज़्ज़त,ग़लबे की इज़्ज़त,और रुके रहने की इज़्जत,तो उस ने अपने आप को मखलूक़ की पहुँच से बाहर रखा है,और उस ने सारी सृष्टि को अपने वश में कर लिया है,संपूर्ण मखलूक उस के समीप नमस्तक और उस की महानता के आगे पस्त है।

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