अल्लाह तआला अल मुक़ीत है..

 अल्लाह तआला अल मुक़ीत है..

अल्लाह तआला अल मुक़ीत है..

बेशक अल्लाह तआला अल मुक़ीत है..

{और अल्लाह हर चीज़ पर कु़दरत रखने वाला है“।}[अन्निसाः 85].

”अल मुक़ीत“

वह ज़ात जिस ने संपूर्ण सृष्टि को जीविका दी और उन के लिये वह चीज़ें पैदा कर दीं जिस से यह जीवित रहें,तो उस ने उन्हें वह सब प्रदान किया जिस से ये अपनी प्यास बुझाते हैं,अपनी भूक मिटाते हैं,और अपना जीवन आनंद लेकर बिताते हैं।

”अल मुक़ीत“

जो दिलों को अनेक प्रकार के इल्मो ज्ञान से शक्ति प्रदान करता है,जिस से रूहें जीवित रहती हैं और नफ्सों को खुशी मिलती है।

हे अल्लाह!हे वह ज़ात जो अपनी मखलूक़ के कामों,उन की रोज़ी और उन के लौट कर वापस आने की जगह का उपाय और इन्तिज़ाम करती है ... (हे अल्लाह!) हम तुझ से तेरी रक्षा,तेरी क्षमा और तेरी भलाई के सवाली हैं। {और अल्लाह हर चीज़ पर कु़दरत रखने वाला है“।}[अन्निसाः 85].

बेशक अल्लाह तआला अल मुक़ीत है..

”अल मुक़ीत“ ने हर एक मखलूक को वह चीज़ें पहुँचा दी हैं जिन से वे अपना पेट भरते हैं,और हर एक को उस की जीविका दे दी है,और अपनी हिक्मत और प्रशंसा को देखते हुये जैसा चाहता उस में तसरुफ करता है। ”ल हसीब“.. अल्लाह तआला अपने बंदों को जानने वाला है,भरोसा करने वालों के लिये काफी है,अपने बंदों को अपनी हिक्मत और ज्ञान से उन के हर छोटे बड़े अमल का बदला देता है। अल काफी“.. वह अपने बंदों की संपूर्ण उन चीज़ों के लिये काफी है जिन की उन्हें ज़रूरत पड़ती है,और जिस की ओर वे मजबूर होते हैं,और जो उस पर ईमान लाये,उस पर भरोसा करे और अपनी दीनी व दुनियावी ज़रूरतों में उसी से सहायता माँगे तो उस के लिये वह विशेष तौर पर काफी है।

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